माता सीता हिन्दू धर्म के एक प्रमुख देवी हैं और उन्हें 'जानकी' भी कहा जाता है। माता सीता का जन्म मिथिला नामक स्थान पर हुआ था और उनके पिता का नाम राजा जनक था। माता सीता का विवाह भगवान राम से हुआ था, जो कि आदिकाव्य रामायण के प्रमुख पात्रों में से एक हैं।
माता सीता का चरित्र धर्म, पतिव्रता भक्ति, और साहस के साथ भरा हुआ है। उनका पतिव्रता धर्म और पतिपरायणता के प्रती आदर्श होने के कारण वे सती और परिश्रमी महिलाओं की प्रतीक मानी जाती हैं।
रामायण में, माता सीता का अपहरण राक्षस राजा रावण द्वारा किया जाता है, जिससे राम और लक्ष्मण उन्हें उद्धार करने के लिए लंका का सफर करते हैं। माता सीता का तपस्या करना और उनकी पतिव्रता ने उन्हें देवी पर्वती की शक्तियों का आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद की।
भगवान राम द्वारा राक्षस राजा रावण का वध करने के बाद, माता सीता को अयोध्या लौटाया जाता है। हालांकि, इसके बाद भी राम ने माता सीता को एक अग्नि परीक्षा में डाला ताकि उनकी पतिव्रता की निष्ठा को सबको साबित कर सकें। माता सीता ने अग्नि परीक्षा में सच्चाई और पतिव्रता की अनूठी मिसाल प्रदान की, जो उन्हें पुनः राम के साथ रहने का अधिकार देती है।
माता सीता का चरित्र हिन्दू धर्म में मानवता, नारी शक्ति, और साहस की प्रतीक माना जाता है और उन्हें देवी लक्ष्मी का स्वरूप भी कहा जाता है। उनकी पूजा हिन्दू भक्ति में महत्त्वपूर्ण है और उन्हें समर्थ, करुणा, और प्रेम की देवी माना जाता है।
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